ताश के पत्तों से ताज महल नहीं बनता;
नदी को रोकने से समुंदर नहीं बनता;
लड़ते रहो ज़िन्दगी से हरपल क्योंकि
एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनता..
हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है.
हम हैं मुसाफ़िर ऐसे जो मंज़िल से आए हैं.
ज़िंदगी यू हुई बसर तन्हा
काफिला साथ और सफ़र तन्हा
फ़र्क होता है खुदा और फ़क़ीर में
फ़र्क होता है किस्मत और लकीर में
अगर कुछ चाहो और न मिले तो समझ लेना
कि कुछ और अच्छा लिखा है तक़दीर में..!!
Kitna khauf hota haishaam ke andheron mein,pooch un parindon sayjin kay ghar nahi hotay
Main Ne Ye Keh Ke Dil Ko Samjhaya
Wo Mujhe Janta Hi Kitna Tha..