Kaash woh samajthe is dil ki tadap ko
Tho yun humein ruswa na kiya hotha
Unki ye berukhi zulm bhi manzoor thi humein
Bas ek baar humein samaj-liya hota…
जाने अनजाने कुछ फ़साने हक़ीकत होते जाते है,
कुछ प्यार मे बदलते जाते हैं!!
कुछ यार मे बदलते जाते हैं!!
जिसे निभा न सकूँ, ऐसा वादा नही करता
मैं बातें अपनी औकात से, ज्यादा नहीं करता..!
भले ही तमन्ना रखता हूं, आसमान छू लेने की
लेकिन, औरों को गिराने का, इरादा नहीं करता।
अब के बारिश में कुछ ऐसा करना,
अपनी हथेली पे क़तरों को जमा करना,
जो जमा हो जाएँ वो सब तेरी चाहत,
और जो रह जाएँ वो सब मेरी चाहत..
तकदीर के खेल से नाराज नहीं होते।
जिंदगी में कभी उदास नहीं होते।
हाथों किं लक़ीरों पे यक़ीन मत करना।
तकदीर तो उनकी भी होती हैं ,
जिन के हाथ ही नहीं होते।
न रास्ता सुझाई देता है,
न मंजिल दिखाई देती है,
न लफ्ज़ जुबां पर आते हैं,
न धड़कन सुनाई देती है,
एक अजीब सी कैफियत
ने आन घेरा है मुझे,
की हर सूरत में,
तेरी सूरत दिखाई देती है...
ना मुस्कुराने को जी चाहता है.
ना आँसू बहाने को जी चाहता है.
आपकी याद मे क्या लिखे
बस आपके पास ही आने को जी चाहता है.