Muskaan Banke tere hothon pe aa jao,
Khawab Banke tere khayalon mein aa jao,
Ban ke aau khushbu mein karib tere
Or teri saanso se tere rag rag mein sama jao.
चलो आज शायरी की हवा बहाते हैं,
तुम उठा लाओ मीर ग़ालिब की नज़्में,
और हम अपनी दास्ताँ सुनाते हैं..!!
एक सवाल पूछता हूँ में जिंदगी से,
मैने सच मे मोहब्बत की थी या टूटा हुआ सपना था मेरा
यारो शायरी क्या होती है,
वो तो दिल से निकली एक आवाज़ होती है,
किसी के प्यार का इज़हार होती है,
और किसी के दर्द की दवा होती है
एक बार कर के ऐतबार लिख दो,
कितना है मुझ से प्यार लिख दो,
कटती नहीं ये ज़िन्दगी अब तेरे बिन,
कितना और करूँ इन्तज़ार लिख दो..!!
प्यार में अंजाम की फिकर किसे होती है,
जो भी हो वो दिलो की तकदीर होती है
जुदाई सहने की आदत नही है,
बिन तेरे रहने की चाहत नही है,
चाहत है तो सिर्फ़ तेरे साथ जीने की
बिन तेरे जीने की हमारी कोई ख्वाहिश नही है…