Saawan ka mausam tha
Poonam ki raat thi
Mein uske paas tha
Woh mere karib thi
Phir woh mere paas aayi
Aur thodi si ghabraayi
Jab maine uska haath pakada
Toh woh thodi si sharmaayi
Usne kaha aaj hum
Aise bandhan mein bandh jaaye
Jise duniya ki
Koi taakat na tod paaye
Meri khushi ka andaaza
Lagana mushkil tha
Par iske aage jo hua
Woh batana bhi mushkil tha
Usne mera haath
Haatho mein lekar kaha
Yeh toh janam janmo
Ka bandhan hai
Phir mujhe yaad aaya
Woh Saawan ka mausam
Woh poonam ki raat
Yeh to Raksha Bandhan hai!
पूरा अब मेरा ये ख़्वाब हो जाये,
लिख दू उनके दिल पे किताब हो जाये।
ना मयकदे की जरूरत हो ना मयखाने की,
अगर नज़र से पिला दो शराब हो जाये।।
जब भी उनकी गली से गुजरता हूँ,
मेरी आँखे एक दस्तक देती है,
दुख ये नही, वो दरवाजा बंद कर देते है,
खुशी ये है, वो मुझे अब भी पहचान लेते है!
इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,
इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है..!!
पेड़ कभी डाली काटने से नहीं सूखता, पेड़ हमेशा जड़ काटने से सूखता है |
वैसे ही इंसान अपने कर्म से नहीं बल्कि अपने छोटी सोच और गलत व्यवहार से हारता है||
न जाने किसने पढ़ी है मेरे हक़ में दुआ,
आज तबियत में जरा आराम सा है!
कुछ पन्ने क्या फटे ज़िन्दगी की किताब के,
ज़माने ने समझा हमारा दौर ही ख़त्म हो गया..!!