अश्क बन कर आँखों से बहते हैं

अश्क बन कर आँखों से बहते हैं...

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अश्क बन कर आँखों से बहते हैं,
बहती आँखों से उनका दीदार करते हैं,
माना की ज़िंदगी मे उन्हे पा नही सकते,
फिर भी हम उनसे बहुत प्यार करते है!

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पूरा अब मेरा ये ख़्वाब हो जाये

पूरा अब मेरा ये ख़्वाब हो जाये,
लिख दू उनके दिल पे किताब हो जाये।
ना मयकदे की जरूरत हो ना मयखाने की,
अगर नज़र से पिला दो शराब हो जाये।।

जब भी उनकी गली से गुजरता हूँ

जब भी उनकी गली से गुजरता हूँ,
मेरी आँखे एक दस्तक देती है,
दुख ये नही, वो दरवाजा बंद कर देते है,
खुशी ये है, वो मुझे अब भी पहचान लेते है!

इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है

इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,
इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है..!!

पेड़ कभी डाली काटने से नहीं सूखता, पेड़ हमेशा जड़ काटने से सूखता है |

वैसे ही इंसान अपने कर्म से नहीं बल्कि अपने छोटी सोच और गलत व्यवहार से हारता है||

न जाने किसने पढ़ी है मेरे हक़ में दुआ,
आज तबियत में जरा आराम सा है!

कुछ पन्ने क्या फटे ज़िन्दगी की किताब के,
ज़माने ने समझा हमारा दौर ही ख़त्म हो गया..!!