आज हम रोए तन्हा उनको भूलने के लिए,
तमाम याद है उनकी हमें रुलाने के लिए,
उनकी यादों को मिटाने का ज़रिया ना मिला,
हमने खुद को मिटाया उनकी यादों को मिटाने के लिए,
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है,
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर,
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है।
फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने,
उसने माँगा जो वो सब दे दिया मैंने,
वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी,
समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने..
मुझे इश्क है बस तुमसे नाम बेवफा मत देना,
गैर जान कर मुझे इल्जाम बेवजह मत देना,
जो दिया है तुमने वो दर्द हम सह लेंगे मगर,
किसी और को अपने प्यार की सजा मत देना।
तेरी यादोँ के नशे मेँ अब चूर हो रहा हूँ,
लिखता हूँ तुम्हेँ और मशहूर हो रहा हूँ..
ज़िंदगी का फलसफा भी कितना अजीब है,
शामें कटती नहीं और साल गुज़रते चले जा रहे हैं!
हर साँस में उनकी याद होती है,
मेरी आंखों को उनकी तलाश होती है,
कितनी खूबसूरत है चीज ये मोहब्बत,
कि दिल धड़कने में भी उनकी आवाज होती है।