कोई ऐसा प्यार का बाज़ार होता,
जिस में नीलम वो सरेआम होता,
हम उसे खरीदते खुद को बैच कर,
फिर देखते कैसे वो किसी ओर क नाम होता !
तू ही बता दिल कि तुझे समझाऊं कैसे,
जिसे चाहता है तू उसे नज़दीक लाऊँ कैसे,
यूँ तो हर तमन्ना हर एहसास है वो मेरा,
मगर उसको ये एहसास दिलाऊं कैसे।
मिलना है तुम से खोने से पहले,
कहना है तुम से रूठने से पहले,
रूठना है तुम से जाने से पहले,
और जीना है तुम्हारे साथ मरने से पहले.
इस मोहब्बत की किताब के,
बस दो ही सबक याद हुए,
कुछ तुम जैसे आबाद हुए,
कुछ हम जैसे बरबाद हुए।
हर शाम कह जाती है एक कहानी,
हर सुबह ले आती है एक नई कहानी,
रास्ते तो बदलते है हर दिन लेकिन,
मंजिल रह जाती है वही पुरानी..
ख्वाइश तो यही है कि तेरे बाँहों में पनाह मिल जाये,
शमा खामोश हो जाये और शाम ढल जाये,
प्यार तू इतना करे कि इतिहास बन जाये,
और तेरी बाँहों से हटने से पहले शाम हो जाये..
ओ सनम अब यूँ रूठकर न जाओ दूर हमसे,
कि अब आदत सी हो गई है तुम्हारी,
तुम जो न दिखो तो अब,
न सुबह होती न शाम होती हमारी…