खुद की मोहब्बत फ़ना कौन करेगा

खुद की मोहब्बत फ़ना कौन करेगा...

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खुद की मोहब्बत फ़ना कौन करेगा,
सभी नेक बन गये तो गुनाह कौन करेगा,
ये खुदा मेरी सनम बेवफा को सलामत रखना,
वरना हमारी मौत की दुआ कौन करेगा

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जन्म से ना तो कोई दोस्त पैदा होता है और ना ही दुश्मन,
वह तो हमारे घमंड, ताकत या व्यवहार से बनते है।

वक़्त आँखों से जब नींदे चुरा लेता है

वक़्त आँखों से जब नींदे चुरा लेता है,
दर्द आँखों में घरोंदा बना लेता है ।
ज़ख्म यादों के सिरहाने बैठ जाता है ,
माँ की गोद तन्हाई को बना लेता है।।

अभी उनकी मोहब्बत के कुछ निशान बाकी है

अभी उनकी मोहब्बत के कुछ निशान बाकी है,
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ये तसल्ली तो हैं की उनमे हमारी पहचान बाकी हैं!

ग़लती नीम की नहीं
कि वो कड़वा है‼
ख़ुदगर्ज़ी जीभ की है
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ऐ सनम मैं तेरे लिए बदनाम हो जाऊं

ऐ सनम मैं तेरे लिए बदनाम हो जाऊं,
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सिर्फ तेरी ही गलियों में गुमनाम हो जाऊं..!!

याद करते हैं दोस्तों को

याद करते हैं दोस्तों को,
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