तक़दीर लिखनेवाले एक एहसान कर दे
मेरे दोस्त की तक़दीर मैं,
एक और मुस्कान लिख दे,
ना मिले कभी दर्द उनको,
तू चाहे तो उसकी क़िस्मत मैं मेरी जान लिख दे.
आज हम हैं कल हमारी यादें होंगी,
जब हम ना होंगे तब हमारी बातें होंगी,
कभी पलटोगे जिंदगी के ये पन्ने,
तब शायद आपकी आंखों से भी बरसातें होंगी.
वो प्यार जो हकीकत में प्यार होता है,
जिन्दगी में सिर्फ एक बार होता है,
निगाहों के मिलते मिलते दिल मिल जाये,
ऐसा इतेफाक सिर्फ एक बार होता है।
देखना है क्या क्या गुल खिलाता है जूनून,
आज गुलशन कि तरफ है दीवाने का रुख।
इस मोहोब्बत की उलझन को सुलझाऊँ कैसे
आँखों की प्यास बुझाऊ कैसे
बड़ा ज़िद्दी है ये कमबख्त दिल मेरा
इस दिल को मैं भला अब मनाऊ कैसे..!!
तेरे जाने से कुछ नही बदला,
बस पहले जहां दिल होता था,
अब वहां दर्द होता है
ना जाने क्यूँ हमे आँसू बहाना नही आता.
ना जाने क्यूँ हाल-ए-दिल बताना नही आता.
क्यूँ साथी बिछड़ जाते हैं हमेशा हमसे,
शायद हमे ही साथ निभाना नही आता.