तेरी यादों ने मुझे क्या खूब मशरूफ किया है ऐ सनम..
खुद से मुलाकात के लिए भी वक़्त मुकर्रर करना पड़ता है..!!
मेरी यादें, मेरा चेहरा, मेरी बातें रुलायेंगी,
हिज़्र के दौर में, गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी,
दिन तो चलो तुम काट भी लोगे फसानों में,
जहाँ तन्हा रहोगे तुम, तुम्हें रातें रुलायेंगी।
अपने शब्दों मैं ताकत डालें आवाज मैं नहीं,
क्योंकि फूल बारिश से खिलते है तूफानों से नही!!
रिश्ता दिल से होना चाहिए शब्दों से नहीं,
नाराजगी शब्दों में होनी चाहिए दिल में नहीं..!!
तेरे गिरने में, तेरी हार नहीं ।
तू आदमी है, अवतार नहीं ।।
गिर, उठ, चल, दौड, फिर भाग,
क्योंकि
जीत संक्षिप्त है इसका कोई सार नहीं ।।
जिधर देखो इश्क के बीमार बैठे हैं
हज़ारों मर गये लाखों तैयार बैठे हैं,
साले बर्बाद होते हैं लड़कीयों के पीछे
और कहते हैं कि सरकार कि वजह से बेरोजगार बैठे हैं..!!
दिल की बात दिल में मत रखना,
जो पसंद हो उसे आय लव यू कहना,
अगर वो गुस्से में आ जाए तो डरना मत,
राखी निकाल ना और कहना प्यारी बहना मिलती रहना..!!