वो करीब ही न आये तो इज़हार क्या करते

वो करीब ही न आये तो इज़हार क्या करते...

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वो करीब ही न आये तो इज़हार क्या करते,
खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते,
मर गए पर खुली रखी आँखें,
इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते..!!

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रब किसी को किसी पर फ़िदा न करे

रब किसी को किसी पर फ़िदा न करे,
करे तो क़यामत तक जुदा न करे,
ये माना की कोई मरता नहीं जुदाई में,
लेकिन जी भी तो नहीं पाता तन्हाई में।

जब से तेरी चाहत अपनी ज़िन्दगी बना ली है

जब से तेरी चाहत अपनी ज़िन्दगी बना ली है,
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तेरी याद हमने अपनी इबादत बना ली है.

करीब से देखने पर भी ज़िन्दगी

करीब से देखने पर भी ज़िन्दगी
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बदलना आता नहीं हमें मौसम की तरह

बदलना आता नहीं हमें मौसम की तरह,
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आशिक़ पागल हो जाते है प्यार में

आशिक़ पागल हो जाते है प्यार में,
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मगर ये दिलरुबा नहीं समजती,
गोलगप्पे खाती फिरती है बाजार में..!!

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